Ek Jiva

एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना

एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना : अमृता प्रीतम


पालक एक आने गठ्ठी, टमाटर छह आने रत्तल और हरी मिर्चें एक आने की ढेरी “पता नहीं तरकारी बेचनेवाली स्त्री का मुख कैसा था कि मुझे लगा पालक के पत्तों की सारी कोमलता, टमाटरों का सारा रंग और हरी मिर्चों की सारी खुशबू उसके चेहरे पर पुती हुई थी।

एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना अमृता

 

अमृता प्रीतम की अन्य कहानियां:

अंतरव्यथा (नीचे के कपड़े) : अमृता प्रीतम

गुरुवार का व्रत : अमृता प्रीतम

मणिया: अमृता प्रीतम की कहानी

एक ज़ब्तशुदा किताब: अमृता प्रीतम

एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना : अमृता प्रीतम

करमांवाली : अमृता प्रीतम

जंगली बूटी : अमृता प्रीतम

यह कहानी नहीं : अमृता प्रीतम

शाह की कंजरी : अमृता प्रीतम

आशा है आपको यह कहानी पसंद आई होगी। आप इस Blog/Video को Like, Subscribe और Share कर सकते हैं और इस तरह के और दिलचस्प किताबों के सारांश और ज्ञान से भरे Blog/Video के लिए हमारे Website और Youtube Channel “The Famous Book Club” को Subscribe कर सकते हैं। मैं जल्द ही आपके लिए एक नया Blog/Video लेकर आऊंगा। All the Very Best !

Photo Credit: Pinterest

Related Posts

Leave a Reply